फेकनर का नियम - Fechner's Law
फेकनर ने वेबर के नियम की सत्यता स्वीकार की है तथा वेबर के नियम में संशोधन किया है. संशोधन के पश्चात् वेबर के उपरोक्त
सूत्र को अग्र प्रकार से परिवर्तित किया है-
S= K log R
Where R = German abbreviation for Stimulus
S = Strength of Sensation or Response
उपरोक्त. सूत्र का अर्थ है कि संवेदनाएं, उद्दीपक के लघुगणक (लोगरिथम) के समानुपाती होती हैं। फेकनर ने बताया कि जब उद्दीपक में ज्यामितिक वृद्धि होती है तो गितात्मक वृद्धि संवेदना में होता है तथा उद्दीपक एवं संवेदना में सम्बन्ध लघुगणक के रूप में होता है अतः जब उद्दीपक में 10 की वृद्धि होगी तो संवेदना में केवल । की वृद्धि होगी।
पेकबर का उपरोक्त नियम (Weber-Fechner Law) के नाम से प्रसिद्ध है, परन्तु फेकनर ने अपना नाम कभी भी इस नियम से नहीं जोड़ा उसने हमेशा इस नियम को 'वेबर लॉ का ही नाम दिया। रच (T.C. Ruch) के अनुसार फेकनर के उपरोक्त नियम का सूत्र किसी भी प्रकार से क्यों न विकसित किग गया हो परन्तु समीकरण ज्ञानेन्द्रियों के व्यवहार की विशेषताओं को अभिव्यक्त करता है। विभिन्न ज्ञानेन्द्रियों की संवेदनाओं के मापन में फेकनर के उपरोक्त नियम का बहुत अधिक महत्व है। फेकनर के नियमों के आधार पर ही चरचेर ने
औद्योगिक कोलाहल के मापन के लिए Loudness Scale को विकसित किया। संगीत तारत्व के मापन के लिए न्यूमैन ने Pitch Scale तैयार किया। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य मापनियों को भी फेकनर के योगदानों के आधार पर विकसित किया गया है
(1) व्यक्तिपरक भार पैमाना
(2) स्वाद पैमाना