विस्मरण की विशेषताएं - Features of Oblivion

विस्मरण की विशेषताएं - Features of Oblivion

विस्मरण का अर्थ


किसी विषय वस्तु के अधिगम के पश्चात् एक निश्चित समय के अन्तराल के बाद जब हम उसके पुनराह्वान का प्रयास करते हैं तो पूरी सामग्री को दुहराने में सफल नहीं होते हैं। यही विस्मरण है। विस्मरण स्मरण की असफलता है। यदि विषय वस्तु को अधिगम करने के बग्द उसकी पुनरावृत्ति नहीं की जाय तो विस्मरण अधिक होता है।


विस्मरण की गोचरीय विशेषताएँ निश्चित होती हैं। ये विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :-


1. विस्मरण की मात्रा व्यतीत होने वाले समय या उसकी अवधि का निषेधात्मक रीति ये त्वरित होता हुआ प्रकार्य है। इसका तात्पर्य यह है कि स्मृति में सूचना को भण्डारित कर देने के बाद जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, विस्मरण की मात्रा भी वैसे-वैसे ही बढ़ती जाती


2. कूटसंकेतन जितने अधिक गहन स्तर पर होता है और उसके साथ जितना अधिक प्रतिमायन, साहचर्य निर्माण एवं व्यापक अभ्यास होता है, विस्मरण उतनी ही शिथिल गति से होता है। इसका तात्पर्य यह भी है कि अधिगम का स्तर जितना अधिक होता है, विस्मरण उतना ही न्यून होता है।


3 विस्मरण की मात्रा और उसकी गति भण्डारित सूचना की प्रकृति पर भी निर्भर करती है। प्रत्यक्ष पेशीय कौशलों का विस्मरण नहीं होता है। एक बार अच्छी तरह टंकण सीख लेने के बाद उसका विस्मरण नहीं होता। बहुत दिनों तक अभ्यास छोड़ देने पर टंकण करने की गति धीमी हो जाती है. किन्तु थोडे अभ्यास के बाद व्यक्ति पुनः अपने मूलस्तर पर का लगता है।


4. विस्मरण की मात्रा का निर्धारण किसी मापन विधि का उपयोग कर किया जाता है। यह मात्रा इस पर भी निर्भर करती है कि इसका मापन किस विधि से किया गया है।


5. जो सामग्री जितनी शीघ्रता से सीख ली जाती है, उसका सामान्यतः विस्मरण उतनी ही शीघ्रता से होता है।

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