आश्रित चर - Dependent Variable
अनाश्रित चर में प्रयोगकर्ता द्वारा किए गए परिचालन के कारण जो व्यवहार परिवर्तित होता है अथवा जिस प्रकार की अनुक्रिया प्रयोज्य द्वारा की जा रही हो उसे आश्रित चर या उक्रिया चर कहा जाता है। अनुक्रियाएं कई प्रकार की हो सकती हैं। प्राणी की शारीरिक क्रियायें अनुक्रिया के रूप में देखी जा सकती हैं। मनोविज्ञान में मूलतः हम ऐसी अनुक्रियाओं का अध्ययन करते हैं जो प्रायः अन्तस्थ होती हैं और जिनका प्रत्यक्ष निरीक्षण असम्भव होता है।
उदाहरण के लिए अधिगम के लिए दी गई किसी शुद्ध सूची का अधिगम हुआ है या नहीं ज्ञात करने के लिए हमारे पास आधार होता है। सूची को त्रुटि रहित ढंग से सुना देना और प्रत्येक प्रयास में कम-से-कम समय का लगते जाना। प्रत्यक्षण, चिन्तन, स्मरण, अधिगम, संप्रत्यय अधिगम आदि व्यवहार अन्तस्थ होते हैं और उनका अनुमान लगाया जाता है जिसके लिए प्रयोज्य की प्रक्रियायें आधार होती हैं। ऐसे व्यवहार को संज्ञानात्मक व्यवहार भी कहा जाता है।
टाउनसेण्ड के अनुसार, "आश्रित चर वह कारक है जो प्रयोगकर्ता द्वारा अनाश्रित चर की प्रस्तुति, हटाये जाने अथवा परिवर्तित किए जाने पर प्रकट, लुप्त अथवा परिवर्तित होता है।"
आश्रित चरों का मापन विविध तरीकों से किया जाता हैं। गप्त समय त्रुटियों की मात्रा प्रयासों की सख्या आदि ऐसे आधार हैं, जो अनुक्रिया-माप के लिए प्रयुक्त होते हैं।