अवधान की विशेषताएँ - Characteristics of attention
अवधान की अनेक विशेषताओं में से कुछ प्रमुख निम्न प्रकार से हैं-
(1) स्वतन्त्र केन्द्रीय प्रक्रिया - अवधान स्मरण, कल्पना तथा चिन्तन आदि की भाँति एक केन्द्रीय प्रक्रिया है जिसकी प्रकृति स्वतन्त्र है।
(2) प्रत्यक्ष परक संगठन को स्पष्टता प्रदान करता है- अवधान में प्रत्यक्षीकरण स्पष्ट हो जाता है। अवधान की उपस्थिति में प्रत्यक्षीकरण से सम्बन्धित संगठन अधिक स्पष्ट हो जाते
(3) संवेदनात्मक प्रक्रियाओं के लिए यह एक प्रकार का पुनर्वलन है- मनोविज्ञान शब्दादली में पुनर्बलन के दो प्रकार के अर्थ हैं- पहले प्रकार का अर्थ प्रोसीजर से सम्बन्धित तथा दूसरे प्रकार का अर्थ प्रक्रिया से सम्बन्धित है। प्रक्रिया के रूप में पुनर्बलन वह मैकेनिज्म है जो किसी भी प्रकार से एक विशिष्ट प्रत्युत्तर को एक विशिष्ट प्रक्रिया से जोडता है।
(4) प्रत्युत्तर चयन- अवधान चयनात्मक मानसिक प्रक्रिया है। वातावरण में उपस्थित अनेक उद्दीपकों में से व्यक्ति केवल एक या कुछ ही उद्दीपकों पर एक समय में ध्यान दे सकता
(5) गत्यात्मक अवधान प्रक्रिया की प्रकृति गत्यात्मक होती है। इसी कारण से अवधान हो चंचल कहा गया है।
(6) संकीर्णता- अवसान प्रक्रिया का कुछ न कुछ विस्तार होता है जो विस्तृत न होकर सोभित होता है।
(7) सेट या तत्परता - अवधान प्रक्रिया की उपस्थिति में व्यक्ति में सेट या तत्परता पाई जाती है।
(8) अवधान के दो पक्ष होते हैं- जब कोई उद्दीपकं या उद्दीपक या समूह हमारी चेतना के केन्द्र में होता है तो इस समय उपस्थित अवधान प्रक्रिया अवधान का पक्ष धनात्मक पक्ष तथा चेतना के केन्द्र से उद्दीपक या उद्दीपक समूह के हटते ही अवधान प्रक्रियों का पक्ष अवधान का ऋणात्मक पक्ष कहलाता है।