गुच्छन - Bunching
जब किसी वाचिक अधिगम में सूची में प्रयुक्त शब्द किसी न किसी रूप से एक से सम्बन्धित होते हैं और सूची में दूर-दूर होर्ने पर भी मुक्त पुनः स्मरण में एक दूसरे के से सायकि रूप से घटित होते हैं। इसी गोचर को गुच्छन कहा जाता है। इस प्रक्रिया में स वर्गों से सम्बन्धित शब्दों को मिश्रित करके उनका पुनः स्मरण कराया जाता है। माल महोदय ने ऐसे गोचर का पता लगाया जिसे उसने कोटि गुच्छन की संज्ञा दी। इसे ही सामान्य गुच्छन के हीन नाम से जाना जाता है।
'वासफील्ड ने एक प्रयोग में 60 शब्दों की सूची तैयार की जिसमें उसने चार वर्गो पट व्यवस्था, नाम एवं सब्जियों से सम्बन्धित शब्द पदों को रखा। सभी पदों को मिश्रित करते एक साथ प्रयोज्यों के समक्ष यादृच्छिक रूप में प्रस्तुत किया गया। प्रयोग में पाया कि प्रदेश वर्ग के पद अलग-अलग वर्गों में गुच्छित होकर पुनः स्मरण किये गये। इस प्रकार उसने या बताया कि सूची में एक वर्ग के पदों के दूर-दूर होने पर उनका पुनः स्मरण वर्गों के अनुसार गुच्छों में होता है।
काफर, थूस तथा राइशर के अनुसार विभिन्न वर्गों के शब्दों को बिना क्रम से मिश्रि करके प्रस्तुत करने के पश्चात् पाये गये गुच्छन की अपेक्षा विभिन्न वर्गों के साथ-साथ प्रस्तुत - कर पाये गये गुच्छन अधिक संगठित एवं स्पष्ट होता है। बासफील्ड, स्टीकार्ड एवं कोहेन ने यह प्रदर्शित किया है कि जब प्रत्यक्ष साहचर्य तथा मध्यस्थकारी वर्ग पाया जाता है तब गुच्छान घटित होता है।