संयुक्त राज्य अमेरिका के विधानमंडल के कार्यों का उल्लेख कीजिए | Functions of the United States Legislature
आधुनिक युग में विधि निर्माण का कार्य अत्यन्त जटिल हो गया है एवं उसका विस्तार भी बहुत बढ़ गया है । व्यवस्थापिकाओं का आकार इतना बढ़ गया है कि उससे यह आशा करना कि वे प्रत्येक विधेयक पर गम्भरतापूर्वक विचार कर सकेगी, अनुचित होगा । इसी कारण प्रायः सभी देशों में विधि के निर्माण में गति एवं सुचारुता लाने के उद्देश्य से समितियों का प्रयोग होने लगा है ।
अमेरिका के अध्यक्षात्मक शासन में समिति - व्यवस्था की आवश्यकता अन्य देशों की अपेक्षा अधिक है, क्योंकि यहाँ पर मन्त्रि - परिषद् के विधि निर्माण सम्बन्धी उत्तरदायित्व नहीं है। इस कारण यहाँ समितियों का महत्व अन्य देशों की अपेक्षा अधिक है । कांग्रेस में नेतृत्व का अभाव होता है । फिर कांग्रेस के प्रत्येक अधिवेशन में हजारों विधेयक तथा प्रस्ताव प्रस्तावित किए जाते हैं । जिन पर विचार करने का समय उसके पास नहीं होता है ।
इसी कारण समितियाँ कांग्रेस का नेतृत्व उसी प्रकार करती है जिस भाँति मन्त्रि-परिषद् ब्रिटेन में कामन सभा का नेतृत्व करती है । बियर्ड का मत है कि " ज्यों - ज्यों कांग्रेस में रखे जाने वाले विधेयक औद्योगिक युग की प्रगति के कारण तथा उसके साथ - साथ अधिक जटिल होते जाते हैं त्यों - त्यों इन लोगों की शक्ति एवं प्रभाव में निरन्तर विस्तार होता जा रहा है, जिनको अपने क्षेत्र का विशेष ज्ञान एवं अनुभव प्राप्त है एवं जो अनिवार्य तथा वांछनीय भी है ।
अमेरिका का राष्ट्रपति कांग्रेस का ध्यान अपने सन्देशों द्वारा इस ओर आकर्षित करता रहता है कि अमुक विषय से सम्बन्धित विधि का निर्माण किया जाना आवश्यक है तो उस विषय से सम्बन्धित विधि का निर्माण किया जाना आवश्यक है तो उस विषय से सम्बन्धित समिति वैसा विधेयक तैयार करती हैं । उन विधेयकों तथा प्रस्ताओं पर भी समितियाँ ही विचार करती है जो सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किए जाते हैं ।
इन विधेयकों तथा प्रस्तावों के सम्बन्ध में समिति अनुकूल रिपोर्ट देती है वे प्रायः कांग्रेस द्वारा स्वीकृत कर लिये जाते हैं । इसीलिए राष्ट्रपति विलसन ने समितियों को छोटी विधान सभा की संज्ञा दी थी । तथा स्वीकार रीड ने उनको कांग्रेस की आँख , कान , हाथ एवं मस्तिष्क के नाम से समबोधित किया था ।
समितियों के प्रकार
अमेरिकी कांग्रेस में मुख्य रूप से पाँच प्रकार की समितियाँ पाई जाती हैं जो इस प्रकार हैं-
( i ) स्थायी समितियाँ ,
( 2 ) प्रवर अथवा विशेष समितियाँ
( 3 ) सम्मेलन समितियाँ
( 4 ) सम्पूर्ण सदन की समिति
( 5 ) संयुक्त समितियाँ
इन समितियों में कार्य, संगठन एवं स्वरूप में अन्तर होता है । इनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित हैं-
( क ) स्थायी समितियाँ
कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुत - सी स्थायी समितियाँ हैं । परन्तु समस्त समितियाँ महत्वपूर्ण नहीं है । कुछ समितियाँ ऐसी हैं । जिसका कोई कार्य नहीं है परन्तु उनको केवल इसलिए रख लिया जाता है कि किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को उनका अध्यक्ष नाकर उसको महत्व प्रदान कर दिया जाता है । सीनेट में 14 और प्रतिनिधि सभा में 19 महत्वपूर्ण समितियाँ हैं । प्रमुख स्थायी समितियों का विवरण इस प्रकार हैं-
( 1 ) साधन और उपाय समिति
इस समिति का मुख्य कार्य टैक्स आदि के द्वारा सरकारी आय प्राप्त करना है । प्रतिनिधि सभा में इसकी सदस्य संख्या 25 है।
( 2 ) विनियोग समिति
इस समिति का मुख्य काम सरकारी आय का व्यय करना है । इसकी सदस्य संख्या प्रतिनिधि सभा में 55 है ।
( 3 ) नियम समिति
इस समिति का मुख्य काम कांग्रेस की कार्य - विधि के सम्बन्ध में विभिन्न नियमों का निर्माण करना है प्रतिनिधि सभा में इसकी सदस्य संख्या 13 है ।
( 4 ) बैंकिंग और मुद्रा समिति
इस समिति का कार्य बैंकिग और मुद्रा पद्धति का संगठन करता है । प्रतिनिधि सभा में इसकी सदस्य संख्या 27 है ।
( 5 ) अन्तर्राज्य और विदेशी व्यापार समिति
इस समिति का मुख्य कार्य विदेशी व्यापार एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के संघ में सम्मिलित राज्यों के बीच व्यापार का नियंत्रण करना है । इसकी सदस्य संख्या प्रतिनिधि सभा में 30 है ।
( 6 ) कृषि - समिति
इस समिति का मुख्य कार्य कृषि की उन्नति करना है। प्रतिनिधि सभा में इसकी सदस्य संख्या 30 है ।
( 7 ) सशस्त्र सेनाओं की समिति
इन समिति का कार्य सेनाओं के सम्बन्ध में विधि बनाना है । इसकी सदस्य संख्या प्रतिनिधि सभा में 55 है ।
( 8 ) शिक्षा और श्रम समिति
इस समिति का कार्य शिक्षा और श्रम को उन्नतशील बनाना है । इसके सदस्यों की संख्या 25 है ।
( 9 ) प्रशासकीय विभाग के व्यय की समिति
इस समिति का कार्य प्रशासकीय विभागों के लिए व्यय के सम्बन्ध में विधि - निर्माण करना है । इसकी प्रतिनिधि सभा में सदस्य संख्या 27 है ।
( 10 ) वैदेशिक सम्बन्ध समिति
इस समिति का कार्य विदेश नीति का निर्धारण करना है । इसकी प्रतिनिधि सभा में सदस्य संख्या 27 है ।
( 11 ) सदन की प्रशासन सम्बन्धी समिति
इस समिति का कार्य सदन में प्रशासन सम्बन्धी नियमों का निर्माण करना है । इसकी प्रतिनिधि सभा में सदस्य संख्या 23 है ।
( 12 ) आन्तरिक तथा द्विपीय विषयक समिति
इन समिति का कार्य आन्तरिक तथा द्वीपों के विषयों का निर्धारण करना है । इसकी प्रतिनिधि सभा में सदस्य संख्या 27 है ।
( 13 ) न्याय समिति ,
( 14 ) समुद्री व्यापार और मत्स्य समिति ,
( 15 ) डाक एवं नागरिक सेवा समिति ,
( 16 ) सार्वजनिक निर्माण समिति ,
( 17 ) गैर अमेरिकी कार्य समिति ,
( 18 ) अवकाश प्राप्त सैनिक कल्याण समिति ,
( 19 ) कोलम्बिया समिति।
सीनेट में 1946 ई 0 से 14 समितियाँ हैं । प्रतिनिधि सभा की 19 समितियों में से पाँच समितियाँ सीनेट में नहीं हैं जो इस प्रकार हैं-
( 1 ) कोलम्बिया प्रान्त समिति ,
( 2 ) प्रशासकीय विभागों का व्यय ,
( 3 ) सदन की प्रशासन समिति ,
( 4 ) गैर अमेरिकन कार्य समिति
( 5 ) अवकाश प्राप्त सैनिक कल्याण
शेष सब समितियाँ सीनेट में भी है। समस्त समितियों की सदस्य संख्या समान नहीं होती । सीनेट में सदस्यों की संख्या कम होती है । कोई भी सदस्य दो समितियों से अधिक का सदस्य नहीं हो सकता है । समितियों के सदस्यों का निर्वाचन सदन द्वारा किया जाता हे परन्तु सत्य यह है कि इनका चुनाव प्रत्येक दल की सीमित द्वारा किया जाता है । ये समितियाँ सदस्यों के चुनाव में वरिष्ठता को अधिक महत्व देती है । वरिष्ठता के नियम के अनुसार ही समितियों के अध्यक्ष बहुमत दल के लिए जाते हैं।
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