एकात्मक सरकार | Unitary Government in Hindi
एकात्मक सरकार वह प्रणाली है जिसमें सरकार की समस्त शक्तियाँ संविधान द्वारा केन्द्रीय अंग या अंगों को प्रदान कर दी जाती है जिससे स्थानीय सरकारे सत्ता प्राप्त करती है।
डा. फाइनर- " एकात्मक सरकार वह है जहां समस्त शक्तियाँ एवं अधिकार ऐसे केन्द्र में केन्द्रित हों जिसकी इच्छा जिसके कर्मचारी वैज्ञानिक रूप में समस्त देश में सर्वशक्तिमान हों ।
प्रो . विलोबी- " एकात्मक सरकार वह है जिसमें प्रथम बार तो समस्त शक्तियाँ एक केन्द्रीय सरकार को ही दी जायें और वह सरकार फिर जिस प्रकार उचित समझे इन शक्तियों का प्रदेशों में विभाजन करने में पूर्णतया स्वतंत्र हो । ”
प्रो . डायसी- “ एकात्मक राज्य में केन्द्रीय सत्ता के हाथ में कानून बनाने की सर्वोच्च सत्ता निवास करती है । "
निष्कर्षतः
एकात्मक शासन का निर्माण केन्द्र द्वारा ही होता है और केन्द्र द्वारा ही प्रांतों को शक्तियाँ दी जाती संविधान द्वारा तो समस्त शक्तियाँ केन्द्र को ही दी जाती हैं । शासन का इकाइयों में विभाजन केवल प्रशासनिक सुविधा के लिए होता है । इस प्रकार केन्द्र स्वामी और प्रांत उसके नौकर या एजेण्ट मात्र हैं ।
एकात्मक सरकार के लक्षण या विशेषतायें
1. समस्त शक्तियाँ केन्द्र में नीहित
संविधान द्वारा इकाइयों का पृथक मानकर उन्हें स्वतंत्र शक्तियाँ नहीं दी जाती है बल्कि सारी शक्तियों का स्वामी केन्द्र ही होता है ।
2. स्वतंत्र व निष्पक्षन्यायपालिका का अभाव
ब्रिटेन में एकात्मक शासन है और वहां भारत व अमेरिका की तरह स्वतंत्र व निष्पक्ष सर्वोच्च न्यायालय नहीं है क्योंकि जब प्रांतों का वैधानिक अस्तित्व ही नहीं है तो केन्द्र व राज्यों में विवादों का प्रश्न ही नहीं उठता ।
3. लिखित संविधान आवश्यक नहीं
एकात्मक शासन वाले देश में अलिखित संविधान से भी काम चल सकता है , क्योंकि जब शक्तियां केन्द्र में निहित होता है तो उन्हें लिखने , न लिखने से कोई अंतर नहीं पड़ता है ।
4. इकहरी नागरिकता
एकात्मक शासन में नागरिकों को इकहरी नागरिकता ही प्राप्त होती है ।
5. एकात्मक शासन में शक्तियों का केन्द्र व राज्यों में विभाजन संविधान द्वारा नहीं किया जाता है । राज्य व प्रांत केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ही कार्य करते है।
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