अमेरिकी राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया | The process of impeachment of the US President in Hindi
राष्ट्रपति का पद समय से पहले तीन अवस्था में रिक्त हो सकता है—
( 1 ) स्वेच्छा से त्याग पत्र देने पर ,
( 2 ) मृत्यु हो जाने पर एवं
( 3 ) महाभियोग का आरोप सिद्ध हो जाने पर।
राष्ट्रपति पर देशद्रोह, रिश्वत एवं इसी प्रकार के अन्य गम्भीर आरोपों के आधार पर महाभियोग चलाया जा सकता है । यह महाभियोग प्रतिनिधि सभा द्वारा चलाया जा सकता है और उसके निर्णय का अधिकार कांग्रेस के द्वितीय सदन सीनेट को प्राप्त है । जिस समय सीनेट प्रतिनिधि सभा द्वारा चलाये गये महाभियोग पर विचार करती है तब उसका सभापति सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश होता है ।
यदि सीनेट अपने दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से महाभियोग के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो राष्ट्रपति को उसके पद से अलग कर दिया जाता है । उसका स्थान रिक्त होने पर संयुक्त राज्य अमेरिका का उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का पद ग्रहण करता है । एण्ड जॉन्सन ही एक ऐसे राष्ट्रपति हुए हैं जिन पर महाभियोग लगाया गया , परन्तु सीनेट उसको दण्डित कर सकने में असफल रही क्योंकि वह दो तिहाई बहुत से स्वीकृत न हो सका ।
राष्ट्रपति की विमुक्ति वेतन
1949 ई ० में अमेरिका के राष्ट्रपति को एक लाख डालर वार्षिक वेतन मिलता है । इसके अतिरिक्त 50,000 डालर वार्षिक अन्य खर्चों के लिये मिलता है । उसे रहने के लिए एक भव्य और विशाल सरकारी भवन मिलता है जो हाइट हाऊस के नाम से प्रसिद्ध है ।
1958 से भूतपूर्व राष्ट्रपत्तियों का 25 हजार डालर प्रतिवर्ष तथा उनकी विधवाओं को 10 हजार डालर पेन्शन दिये जाने की व्यवस्था की गई है । किसी भी अपराध के लिए उसे बन्दी नहीं बनाया जा सकता। कोई भी न्यायालय उस पर मुकदमा नहीं चला सकता है। और न ऐसे विषयों पर सुनवाई ही कर सकता है ।
राष्ट्रपति पर देशद्रोह घूसखोरी तथा अन्य भारी अपराधों के लिए अभियोग लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस को हैं । 1965 के विधेयक के अनुसार राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति की हत्या को सहीय अपराध माना जायेगा । अतः अपराध चाहे किसी राज्य में किया गया हो उसकी जाँच और न्यायिक कार्यवाही सङ्घ सरकार द्वारा की जा सकेगी।
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