ब्रिटिश सम्राट पद के स्थायित्व के कारण - Daily Preparation

ब्रिटिश सम्राट पद के स्थायित्व के कारण | Due to the permanence of the post of British monarch in Hindi

ब्रिटिश समाज के चतुर बुद्धिमान एवं पुरातन - प्रियतावादी समाज है। उनकी प्रजातंत्र के आदर्शों के प्रति सच्ची आस्था एवं चिंतन है। ब्रिटेन संसदीय लोकतंत्र का जन्म-स्थल है फिर भी ब्रिटिश समाज के आकर्षण का केन्द्र राजपद वहाँ भी विद्यमान है। अंग्रेजों के लिये आज भी राजतंत्र का औचित्य और उपयोगिता है।


ब्रिटेन में राजतंत्र जीवित रहने के कारण 


ब्रिटेन में राजतंत्र के जीवित रहने तथा सम्राट के बढ़ते हुये सम्मान के निम्नलिखित कारण हैं -


( 1 ) लोकतंत्र में बाधक नहीं

इंग्लैंड के अधिकांश सम्राट इतने चतुर एवं दूरदर्शी थे कि उन्होंने हवा के रुख को पहचाना और लोकतंत्र का विरोध करना ठीक नहीं समझा और संवैधानिक राजा के रूप में कार्य करने तैयार हो गये। ब्रिटिश राजाओं ने लोकतंत्र के प्रवाह को रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि लोकतंत्र के साथ सहयोग किया ।


दूसरे शब्दों में, ब्रिटेन के राजतंत्र का लोकतंत्रीकरण हो गया है। हेराल्ड लास्की के शब्दों में “ राजतंत्र को लोकतंत्र के हाथों उसके प्रतीक के रूप में दिया गया है। ” इसी कारण पूर्ण लोकतंत्र की स्थापना होने पर भी इंग्लैंड में राजतंत्र बना हुआ है।


( 2 ) राजा की राजनीतिक निष्पक्षता

संसदीय शासन की सफलता के लिये जरूरी है कि देश का राज्याध्यक्ष दलंबदी से दूर रहे । ऑग और जिंक ने ठीक कहा है , " ब्रिटिश राजा ही एक ऐसा व्यक्ति जो राष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ हितों की दृष्टि से विचार कर सकता है । " राजनीतिक दलों के आधार पर निर्वाचित किसी राज्याध्यक्ष की तुलना में ब्रिटिश सम्राट स्वाभाविक रूप से अधिक स्वतंत्र और निष्पक्ष होगा ।


इंग्लैंड में राजा किसी राजनीतिक दल का साथी नहीं है। विविध दल जब शक्ति प्राप्त करके सरकार बनाते हैं तो राजा उनका समान रूप से स्वागत करता है । राजा की निष्पक्षता के कारण राजतंत्र बना हुआ है । 


( 3 ) संसदीय शासन की आवश्यकता

संसदीय शासन प्रणाली में संवैधानिक राज्याध्यक्ष की आवश्यकता होती है । ब्रिटिश सम्राट इस आवश्यकता की पूर्ति करता है । वह वर्षों से ब्रिटेन में वैधानिक राज्याध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहा है । वह राज करता है शासन नहीं करता है । 


( 3 ) श्रेष्ठ परामर्शदाता

ब्रिटिश सम्राट अपने मंत्रिमंडल को शासन कार्य में परामर्श करते हैं । दीर्घकाल से शासन कार्य से संबंधित होने से उसे आंतरिक और बाहरी समस्याओं का विशेष ज्ञान होता है । वह निस्वार्थ , दलबंदी से दूर रहकर राष्ट्रहित में परामर्श दे सकता है । ” 


( 4 ) राजा उपयोगी

राजा को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त हैं जिनके कारण शासन व्यवस्था में वहाँ लचीलापन बना रहता है । राजा के स्थान पर अन्य संवैधानिक अध्यक्ष निर्वाचित किया जायेगा तो उसकी शक्तियाँ लिपिबद्ध करनी होंगी । लिखित व्यवस्था कठोर हुआ करती है ब्रिटेन का कोई भी मंत्रिमंडल यह नहीं पसंद करेगा कि वह स्वयं अपनी शक्तियों पर अंकुश लगाये क्योंकि राजा के नाम पर शक्तियों का उपयोग मंत्रिमण्डल ही करता है । व्यक्तिगत रूप से सम्राट कुछ ऐसे कार्य शासन के हित में करता है जिन्हें दूसरा कोई नहीं कर सकता । 


( 5 ) आर्थिक दृष्टि से लाभदायक

राजतंत्र पर खर्च राजनीतिक भावना तथा विचार के रूप में लौट आता है जो समाज को मजबूत बनाता है । बजट के प्रतिशत का छटा भाग हम पर खर्च होता है लेकिन उसकी तुलना में राजनीतिक चेतना के रूप में आय की मात्रा बहुत ज्यादा है । ब्रिटिश सम्राट आय का भी स्रोत हैं । क्योंकि राजपरिवास से संबंधित उत्सवों , फिल्मों आदि से काफी आमदनी होती है । ब्रिटिश जाति एक व्यापारिक जाति है । वह किसी वस्तु पर किये जाने वाले खर्च और उससे प्राप्त लाभ के लेखे - जोखे में भी चूकने वाली नहीं है । 


( 6 ) अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र

राजा का पद बने रहने का एक कारण उनकी अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति भी है । राजा राष्ट्रमंडल देशों को एकसूत्र में जोड़ने वाली सुनहरी कड़ी है । अब अनेक उपनिवेश स्वतंत्र हैं और भारत जैसे स्वतंत्र भी राष्ट्रमंडल ( कॉमनवेल्थ ) में सम्मिलित हैं । इंग्लैंड की वर्तमान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की राष्ट्रमंडलीय देशों की सद्भावना यात्राओं ने ब्रिटेन की प्रतिष्ठा में वृद्धि की है । 


( 7 ) रूढ़वादिता

अंग्रेज जाति स्वभाव से रूढ़िवादी हैं । राजतंत्र उनकी पुरानी राजनीतिक संस्थाओं में से प्रमुख हैं । वे पुरानी और उपयोगी संस्था राजतंत्र को समाप्त करना नहीं चाहते । लोगों की राजतंत्र के प्रति आस्था है वह ब्रिटिश राष्ट्रीय जीवन का अभिन्न अंग बन गया है । ऑग के अनुसार " राजतंत्र ब्रिटेन की अपनी संस्था है । वह विदेशों से लाई गई संस्था नहीं है । " 


( 8 ) योग्य व प्रभावशाली राजा

ब्रिटिश राजाओं के व्यक्तित्व एवं कार्यों ने राजतंत्र के संरक्षण में योग दिया है । सातवें एवं आठवें हेनरी ने इंग्लैंड को पोप के चंगुल से बचाया , महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने इंग्लैंड के इतिहास में स्वर्ण युग का उदय किया , महारानी विक्टोरिया ने साम्राज्य निर्माण किया । संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना में विशेष सहायता की । महारानी विक्टोरिया ने 1840 ई ० में इंग्लैंड तथा फ्रांस में युद्ध होने से बचा लिया ।


1861 में महारानी विक्टोरिया के भव्य व्यक्तित्व ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच युद्ध को रोका। जार्ज पंचम और जार्ज षष्टम का प्रभाव महायुद्धों के समय दृष्टिगोचर होता है । इंग्लैंड की वर्तमान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा भारत सहित अन्य राष्ट्रमंडलीय देशों की सद्भावना यात्राएँ करके राजतंत्र एवं ब्रिटेन की प्रतिष्ठा को बढ़ाया हैं।


( 9 ) राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा का प्रतीक

अंग्रेज लोगों की भावना के अनुसार राजा उनकी एकता, सुरक्षा, स्थिरता का प्रतीक है । राजपद के बने रहने से देश का सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक ढाँचा स्थिर बना रहेगा, इस प्रकार का मनोवैज्ञानिक भाव लोगों में बना रहता है । आग और जिंक के शब्दों में " यदि राजा किंघम राजमहल में रहे तो लोग सुख की नींद सोते हैं। " सम्राट शताब्दियों की शानदार परम्पराओं का प्रतीक है। वह देश के गौरवमय अतीत का प्रतीक है ।


निष्कर्ष-

इंग्लैंड में राजतंत्र की उपयोगिता, लोकप्रियता, तथा शासन में प्रमुखता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। राजपद अपने आप आवश्यकतानुसार बदलता रहता है, यह सदा समय के अनुरूप रहा है। इसीलिये मोरीसन ने कहा है, " संसार में कोई भी राजपद इतना सुरक्षित अथवा जनता द्वारा सम्मानित नहीं है जितना कि मारा। " इसीलिये इंग्लैंड में बच्चे राष्ट्रीय गीत गाते हैं, " ईश्वर सम्राट की रक्षा करें।


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