अमेरिकी संविधान में मौलिक अधिकार | Fundamental Rights in the US Constitution in Hindi
संयुक्त राज्य अमेरिका में मूल अधिकारों को निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया जाता है -
( क ) वैयक्तिक अधिकार,
( ख ) न्यायिक प्रक्रिया से सम्बन्धित अधिकार,
( ग ) सम्पत्ति सम्बन्धी अधिकार।
( क ) वैयक्तिक अधिकार ( Personal rights )
( i ) दासता से मुक्ति ( Emancipation from slavery )
दासता से मुक्ति नागरिकों के वैयक्तिक अधिकारों में सबसे प्रमुख महत्वपूर्ण अधिकार है । गृह युद्ध के उपरान्त 13 वें ' संशोधन द्वारा दासता निषिद्ध कर दी गयी । ' इस संशोधन के अनुसार “ दासता तथा अनैच्छिक सेवा , संयुक्त राज्य के किसी भाग में नहीं रहेगी ।
सर्वोच्च न्यायालय के इसकी व्याख्या बतलाया है कि संयुक्त राज्य में कोई सरकार या व्यक्ति व्यवसाय कर नहीं चुकाने के कारण किसी व्यक्ति को न तो पकड़ सकता है और न उसे बलात श्रम के लिए विवश कर सकता है ।
परन्तु नागरिकों को सेना, मिलिशिया तथा जूरी में काम करने के लिए सरकार द्वारा विवश किया जाना असंवैधानिक नहीं होगा । कुछ आलोचकों के विचार में सामाजिक दासता भले ही समाप्त हो गयी हो, आर्थिक दासता अभी वर्तमान है ।
( ii ) विधि का समान संरक्षण
गृह युद्ध के ही पश्चात् स्वीकृत 14 वें संशोधन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी निवासियों को विधि के समक्ष समानता की स्थिति प्रदान की गयी है , परन्तु व्यावहारिक दृष्टिकोण से इस उपबन्ध के अनेक अर्थ लगाये जाते हैं । इस सम्बन्ध में यह स्मरण रखना चाहिए कि यह उपबन्ध केवल राज्यों पर ही नहीं , राष्ट्रीय सरकार पर भी लागू है ।
( iii ) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार
संविधान का प्रथम संशोधन धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार होता है । इसमें कहा गया कि ' कांग्रेस किसी ऐसी विधि का निर्माण नहीं कर सकती जो कि किसी धर्म की स्थापना करती हो अथवा किसी धर्म को निषिद्ध करती हो । " ' चौदहवें संशोधन द्वारा भी राज्य के विधान मण्डल ऐसी विधियों के निर्माण करने से वंचित कर दिये गये हैं ।
किसी विशेष प्रकार के चर्च को सरकारी चर्च की स्थिति नहीं प्रदान की जा सकती है और न तो उस पर भरण - पोषण के लिए कर ही लगाया जा सकता है, लेकिन इस धार्मिक स्वतन्त्रता पर व्यावहारिक प्रतिबन्ध भी हैं, जैसे - धार्मिक स्वतन्त्रता की आड़ में दण्डनीय अपराध नहीं किया जा सकता या धर्म के नाम पर कोई व्यक्ति ऐसा आचरण नहीं कर सकता जो सार्वजनिक सुरक्षा, सुव्यवस्था, स्वास्थ्य तथा नैतिकता पर आघत करता हो । सर्वोच्च न्यायालय ने ' रेनाल्ड्स बनाम संयुक्त राज्य में बहु - विवाह को निषिद्ध बताया है ।
( iv ) भाषण, प्रेम, सभा और प्रार्थना करने की स्वतन्त्रता
विचार अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता अमरीकी सामाजिक व्यवस्था की आत्मा है । संविधान के प्रथम संशोधन में कहा गया है कि भाषण प्रेम , शान्तिपूर्वक सभा करने तथा आवेदन करने की स्वतन्त्रता के अधिकार को संकुचित करते हुए कांग्रेस कोई विधि नहीं बना संशोधन में भी इस प्रकार के उपबन्ध हैं । धार्मिक स्वतन्त्रता की सकती ।
राज्य तरह इन स्वतन्त्रताओं के अधिकार पर भी कतिपय प्रतिबन्ध लगाये गये हैं, जिससे अशिष्टता, निन्दापूर्ण मिथ्यावाचक सुव्यवस्था को भंग करने आदि उद्देश्यों से उनका प्रयोग किया जा सके। देश द्रोहात्मक कार्यों को रोकने के उद्देश्य से कांग्रेस नै समय समय पर अनेक विधियों का निर्माण किया है , जैसे -1798 ई ० का केडिसन ऐक्ट 1917 का एसपायोनेज ऐक्ट 1918 का सेडिसन ऐक्ट 1940 का एलियन रजिस्ट्रेशन ऐक्ट इत्यादि ।
इसी प्रकार यातायात की सुविधा , सभा की स्वतन्त्रता आदि पर भी प्रतिबन्ध लगाये जाते हैं । अवधि विचरण स्वतन्त्रता का संविधान में उल्लेख न होते भी उसे सर्वोच्च न्यायालय अन्य स्वतन्त्रताओं में अन्त निहित मानता है । आवेदन करने के अधिकार पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है , परन्तु आवेदनों पर आवश्यकरूप से विचार हो ऐसा कोई उपबन्ध संविधान में नहीं है । अन्त में, इन स्वतन्त्रताओं के अधिकार अमर्यादित नहीं हैं ।
( v ) शस्त्र धारण करने का अधिकार
नागरिकों को शस्त्र रखने तथा धारण करने का अधिकार दिया गया है । संविधान के दूसरे ' संशोधन ' में कहा गया है कि “ एक स्वतन्त्र राज्य की सुरक्षा के लिए सुव्यवस्थित नागरिक सेना ( मिलिशिया ) आवश्यक होने के कारण , जनता के शस्त्र रखने और धारण करने के अधिकार का उल्लंघन किया जायेगा । ” इस अधिकार पर भी कुछ राज्यों में प्रतिबन्ध लगाया गया है कि कतिपय शस्त्रों को रखने के लिए पुलिस से पूर्व लाइसेन्स की आवश्यकता होगी ।
( ख ) न्यायिक प्रक्रिया से सम्बन्धित अधिकार
अमरीकी संविधान में नागरिक अधिकारों के समुचित उपयोग तथा प्रशासन अधिकारियों के अनुचित प्रभाव से मुक्ति के लिए संविधान - निर्माताओं ने न्यायिक प्रक्रिया से सम्बन्धित अधिकारों से सम्बद्ध हैं।
( i ) शीघ्र और खुली अदालत से सुनवाई का अधिकार
संविधान के छठें संशोधन के अनुसार अपराध सम्बन्ध मुकदमें में अभियुक्त को शीघ्र ही खुली अदालत में सुनवाई का अधिकार है लेकिन मुकदमें को अन्तिम क्रिया के सम्पादन में विलम्ब हो ही जाता है ।
( ii ) कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार
छठें संशोधन के द्वारा प्रत्येक दाण्डित अपराध के अभियुक्त को यह अधिकार प्रदान किया गया है । विरोधी गवाहों की गवाही उसकी उपस्थिति में हो , उसे पक्ष में गवाहों को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए विवश किया जाय और उसे अपनी प्रतिरक्षा के लिए वकील की सहायता प्रदान की जाय।
इसे भी पढ़ें -