विधायिका के कार्य | Functions of the Vidhayika in Hindi
व्यवस्थापिका के कार्य और उसकी महता किसी देश की शासन प्रणाली पर निर्भर करती है । संसदीय शासन में व्यवस्थापिका कार्यपालिका से ऊंचा अंग है । इसीलिये कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी रहता है । अध्यक्षात्मक शासन में व्यवस्थापिका और कार्यपालिका दोनों समकक्ष होते हैं ।
( 1 ) कानून निर्माण संबंधी
देश के लिये कानून बनाना व्यवस्थापिका का मौलिक और सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य है । कानून निर्माण के सिलसिले में कानून का प्रारूप तैयार करना वादविवाद करना और उसे पारित करना व्यवस्थापिका का ही कार्य है । कानून बनाने में ब्रिटेन और भारत के संसद के निचले सदन अर्थात् लोकसभा को अधिक अधिकार प्राप्त हैं ।
( 2 ) विमर्शात्मक कार्य
विधि निर्माण में व्यवस्थापिका को विचार विमर्श करना पड़ता है। अंग्रेजी भाषा का " पार्लियामेंट " ( व्यवस्थापिका या संसद ) फ्रेंच भाषा के " पार्लेमा " शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है, वाद - विवाद और विचार विमर्श करने वाली एक सभा । कानून बनाते समय व्यवस्थापिका कुछ नियमों के आधार पर अपना कार्य करती है जिसमें विचारों का आदान - प्रदान व्यवस्थित तरीके से होता है ।
( 3 ) धन संबंधी कार्य
व्यवस्थापिका राष्ट्रीय वित्त की संरक्षक है। व्यवस्थापिका यह निश्चित करती है कि किन किन साधनों से धन प्राप्त किया जाये । व्यवस्थापिका की मंजूरी बिना आय व्यय से संबंधित कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है । बजट व्यवस्थापिका द्वारा ही पारित किया जाता
( 4 ) कार्यपालिका पर नियंत्रण
संसदीय शासन प्रणाली में व्यवस्थापिका प्रश्न पूछकर, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है । अमेरिका में भी महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ या संधियाँ कार्यपालिका करती हैं । उसकी मंजूरी सीनेट ( व्यवस्थापिका ) से लेना आवश्यक है ।
( 5 ) न्याय संबंधी कार्य
कुछ देशों में व्यवस्थापिका को न्यायिक कार्य भी करने होते हैं । ब्रिटेन में लार्डसभा ( उच्च सदन ) अपील का सर्वोच्च न्यायालय है । अमेरिका में सीनेट ( उच्च सदन ) द्वारा राष्ट्रपति , न्यायाधीशों आदि पर लगायें गये महाभियोगों की सुनवाई करती है । भारत में दोनों सदनों को न्यायिक अधिकार समान रूप से प्राप्त हैं ।
( 6 ) संविधान में संशोधन संबंधी
प्रायः सभी देशों में व्यवस्थापिका ही संविधान संशोधन का कार्य करती है । प्रत्येक देश की संविधान संशोधन प्रक्रिया अलग - अलग है। ब्रिटेन तथा भारत में संविधान संशोधन प्रक्रिया लचीली तथा अमेरिका, स्विट्जरलैण्ड, सोवियत रूस आदि देशों में संविधान संशोधन प्रक्रिया कठोर है ।
( 7 ) अन्य विविध कार्य
( अ ) निर्वाचन संबंधी
भारत, अमेरिका, स्विट्जरलैण्ड आदि देशों में विभिन्न पदों हेतु निर्वाचन का कार्य भी व्यवस्थापिका कराती हैं।
( ब ) आयोगों की नियुक्ति
व्यवस्थापिका समय - समय पर कार्यकुशलता, की वृद्धि के लिये विभिन्न आयोगों की नियुक्ति करती है जैसे वित्त आयोग, भाषा आयोग, निर्वाचन आयोग आदि।