अधिनायक तंत्र क्या है? अधिनायक तंत्र के गुण - Adhinaayak Tantr Kya Hai?

अधिनायक तंत्र क्या है? अधिनायक तंत्र के गुण | Adhinaayak Tantr Kya Hai?

अधिनायकतंत्र का आशय वह शासन व्यवस्था है जिसमें एक व्यक्ति का दल विशेष का असीमित शासन होता है । अधिनायकतंत्र का आशय उस शासन प्रणाली से है , जिसमें शासन की समस्त सत्ता एक ही व्यक्ति के हाथों में निहित रहती है । यह सर्वोच्च व्यक्ति किसी के भी प्रति उत्तरदायी नहीं होता है । इसी संबंध में एफ ० न्यूमेन ने कहा है कि , "अधिनायकतंत्र से हमारा तात्पर्य एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के शासन से है।


राज्य में सत्ता पर बलपूर्वक अधिकार कर लेते हैं और उसका असीमित रूप से प्रयोग करते हैं । " इसी संबंध में फोर्ड ने कहा है कि , “ राज्याध्यक्ष द्वारा गैरकानूनी शक्ति प्राप्त करना अधिनायकतंत्र है । " एल्फ्रेड काबेन के शब्दों में , “ अधिनायकतंत्र एक व्यक्ति का शासन है , जो अपना उत्तराधिकार से प्राप्त न करके , बल्कि शक्ति अथवा लोगों की स्वीकृति अथवा दोनों के आधार पर प्राप्त करता है । " 


अधिनायक तंत्र के गुण ( Adhinaayak Tantr ke Gun )

अधिनायक तंत्र के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं -

( 1 ) कुशल शासन-

अधिनायकतंत्र का सबसे बड़ा गुण उसकी शासन कुशलता है । यह व्यवस्था दूसरे प्रशासनों की तुलना में अधिक कुशल है । कारण यह है कि इस शासन में वाद - विवाद , आलोचना , हड़ताल , प्रदर्शन आदि गतिविधियों के लिये कोई स्थान नहीं है । 


( 2 ) राष्ट्रीय एकता-

अधिनायकतंत्र सुदृढ़ और शक्तिशाली शासन होता है । अतः वह राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में सक्षम है । राष्ट्र विरोधी तत्वों , विद्रोह आदि को कुचल दिया जाता है । 


( 3 ) संकटकाल में सर्वाधिक उपयुक्ते-

संकटकाल के समय अधिनायक ही आंतरिक एवं वैदेशिक संबंध का कार्य भली भाँति करते हुए अपने देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने में सक्षम रहता है तथा राष्ट्र की रक्षा करता है । 


( 4 ) राष्ट्रीय भावना का जागरण-

अधिनायकवादी व्यवस्था राष्ट्रीय भावना जाग्रत करने की दिशा में बहुत अधिक सहायक सिद्ध होती है । जर्मनी और इटली इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं । 


( 5 ) दलबंदी के दोषों से मुक्त।


( 6 ) उत्तरदायित्व की एकता।

और पढ़े-

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top