समाजशास्त्र और इतिहास के बीच संबंध - Relationship between Sociology and History

समाजशास्त्र और इतिहास के बीच संबंध ( Relationship between Sociology and History )


इतिहास का अन्य विषयों की तुलना में समाजशास्त्र से कहीं अधिक निकट का सम्बन्ध है। समाजशास्त्र समस्त सामाजिक विज्ञानों की जननी है। इतिहास भी एक सामाजिक विज्ञान है। इसलिये इतिहास की भी जननी समाजशास्त्र है, इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जो सम्बन्ध माता का से पुत्र को होता है, वही सम्बन्ध समाजशास्त्र का इतिहास से है। सामाजिक संस्कृति परम्परायें तथा दार्शनिक चिन्तन ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित करते है। 

कुछ समाजों का दार्शनिक चिन्तन आदर्शवादी होता है, उन्हें कालान्तर में आक्रान्ताओं से हार खानी पड़ती है। एथेन्स, ग्रीक तथा स्पार्टा के उदाहरण हमारे सम्मुख है। सामाजिक कारणों से ही अनेक युद्ध हारे या जीते गये है। नई संस्कृक्तियाँ उभरी है या पुरानी लुप्त हुई है। इतिहास के कारण समाज भी प्रभावित होता है, मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया, इसे जीता तथा शासन किया। 

परिणामस्वरूप, भारतीय समाज पर इस्लाम का प्रभाव पड़ा। आज परम्परागत भारतीय समाज अपने मूल रूप को खो चुका है, क्योंकि उस पर इस्लाम तथा ईसाई धर्म के उल्लेखनीय प्रभाव पड़े है। इसी प्रकार समाज की आर्थिक व धार्मिक स्थिति, शारीरिक व मानसिक शक्ति तथा खानपान आदि सब कुछ इतिहास को प्रभावित करते है। इस प्रकार हम पाते हैं कि इतिहास व समाजशास्त्र एक दूसरे को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित करते है।

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