अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की शक्तियाँ एवं कार्य | Powers and Functions of the US House of Representatives in Hindi
प्रतिनिधि सभा की शक्तियाँ एवं कार्य निम्नलिखित हैं-
( क ) सदस्य संख्या
संविधान में प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की कोई संख्या निर्धारित नहीं की जाती है । इस सम्बन्ध में वह मौन है परंतु अनुच्छेद 1 के खण्ड 2 में व्यवस्था है कि प्रत्येक 30 हजार पर एक से अधिक प्रतिनिधि नहीं होगा।
( ख ) निर्वाचन
प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष होने के कारण हर दो वर्ष बाद इस सदन का निर्वाचन होता है । अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 1 के उपखण्ड 4 में प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के निर्वाचन की विधि का उल्लेख किया है ।
( ग ) योग्यता
मतदाताओं की उम्र से कम 21 वर्ष होनी चाहिए । जहां तक तिनिधि सभा की सदस्यता के लिए योग्यता का प्रश्न है वे तीन हैं-
( 1 ) उसको अर्थात् सदस्य की आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए ।
( 2 ) उसे कम से कम सात वर्ष से अमेरिका का नागरिक होना चाहिए ।
( 3 ) जिस राज्य से वह चुनाव लड़ रहा हो , उसका उसे निवासी होना चाहिए । इतना ही नहीं उसे उस निर्वाचन क्षेत्र का भी नेवासी होना चाहिए जिससे वह चुनाव लड़ रहा हो। क्षेत्रीय नियम के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गयी है ।
( घ ) निर्योग्यताएं
प्रतिनिधि सभा की सदस्यता से सम्बन्धित योग्यताओं के साथ - साथ कुछ निर्योग्यताएं भी हैं। उसके आधार पर किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया जाता है । वे इस प्रकार हैं-
( 1 ) यदि कोई व्यक्ति संघीय सरकार के किसी सेवा में है तो वह प्रत्याशी नहीं हो सकता है। यदि वह चुनाव लड़न चाहता है तो उसे अपने पद से त्यागपत्र देना होगा
( 2 ) प्रतिनिधि सभा का सदस्य रहते कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक अर्थात् सरकारी पद पर नियुक्त नहीं हो सकता है ।
( ङ ) कार्यकाल तथा वेतन भत्ते आदि
प्रतिनिधि सभा का कार्यकाल दो वर्ष है । अस्थायी सदन होने के कारण दो वर्ष बाद पूरा सदन का एक साथ भंग हो जाता तथा उसके सभी नये सदस्यों का एक साथ निर्वाचन होता है । अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली की सरकार के कारण वह सदन दो वर्ष के पूर्व भंग नहीं है सकता है ।
( च ) पदाधिकारी
अध्यक्ष इसका मुख्य पदाधिकारी होता है । इसके अतिरिक्त , सचिव , सर्जेन्ट ऐट आर्म्स तथा क्लर्क आदि भी उसकी सहायता के लिए होते हैं । संविधान उसके अधिकार और कर्त्तव्य के बारे में मौन है । अनुच्छेद । के उपखण्ड 2 में केवल इतना कहा गया है कि प्रतिनिधिगण अध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे ।
प्रतिनिधि सभा की शक्तियां ( Powers of the House of Representatives )
संयुक्त राज्य के संविधान के अनुसार संयुक्त राज्य की समस्त विधायिकी शक्तियां कांग्रेस में निहित है , जिनका प्रतिनिधि सभा और सिनेट समान रूप से करती है । कतिपय अविधायी शक्तियां भी कांग्रेस के सदनों को दी गयी हैं । अतः प्रतिनिधि सभा की शक्तियों का विश्लेषण दो वर्गों के अन्तर्गत किया जा सकता है
( क ) विधायी शक्तियां, और
( ख ) अविधायी शक्तियां,
( क ) विधायी शक्तियां
अमेरिकी कांग्रेस का प्रमुख कर्तव्य विधि का निर्माण करना है संघीय शासन की समस्त विधायी शक्तियां कांग्रेस को दी गयी हैं । संघीय विषयों और विधि निर्माण करना कांग्रेस का अनन्य अधिकार है , कांग्रेस के इस अधिकार क्षेत्र में निर्मित अधिकार के सिद्धांत के फलस्वरूप पर्याप्त वृद्धि हुई है । यहां याद रखना चाहिए कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के दोनों सदनों को समान अधिकार प्राप्त हैं । दोनों सदन बराबर हैं । साधारण विधेयक किसी भी सदन में पूरा जा सकता है । कानून बनाने के लिए विधेयक को दोनों सदनों की स्वीकृति आवश्यक है । मतान्तर होने पर एक संयुक्त समिति के माध्यम से समीक्षा किया जा सकता है । धन विधेयक के सम्बन्ध में प्रतिनिधि सभा को विशेषाधिकार प्राप्त हैं । क्योंकि इस सदन
में ही धन विधेयकों का प्रादुर्भाव हो सकता है । लेकिन यह धन विधेयक को कानून रूप देने के लिए सिनेट की स्वीकृति आवश्यक है । इस प्रकार विधायी क्षेत्र में संविधान निर्माताओं ने प्रतिनिधि सभा को सर्वोपरि स्थान देने की चेष्टा की थी , लेकिन बाद में चलकर सिनेट का विधायी क्षेत्रों में ऊपरी स्थान हो गया ।
( ख ) अविधायी शक्तियां
अविधायी आविष्कारों के अन्तर्गत भी प्रतिनिधि सभा अनेक कार्यों को करती हैं ।
पहला, संविधान में संशोधन के लिए दोनों सदनों को समान अधिकार दिया गया है । संशोधन प्रस्ताव कांग्रेस के दोनों सदनों के दो तिहाई या दो तिहाई राज्यों की प्रार्थना पर कांग्रेस द्वारा बुलाये गये एक सम्मेलन द्वारा उपस्थित किया जाता है। चाहे कोई भी वधि अपनायी जाये, यह निर्विवाद सत्य है कि संविधान का एक शब्द भी बिना कांग्रेस के कोई अन्य सत्ता नहीं बदल सकती, जिसका एक सदन प्रतिनिधि सभा भी है।
दूसरा, प्रतिनधि सभा के कई निर्वाचन से सम्बन्धित कार्य भी हैं । विशेष परिस्थिति में प्रतिनिधि सभा राष्ट्रपति का निर्वाचन कर सकती है। जब राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्यागी को निर्वाचकों की पूर्ण संख्या का बहुमत प्राप्त न हो तो प्रतिनिधि सभा राष्ट्रपति का निर्वाचन कर सकती है । कांग्रेस के दोनों सदन विधि द्वारा यह निर्णय करते हैं कि राष्ट्रपति अथवा उप - राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाने पर या किसी कारण अयोग्य हो जाने पर कौन राष्ट्रपति होगा अथवा कौन उप-राष्ट्रपति होगा । प्रतिनिधि सभा अपने सदस्यों की अर्हताओं की जांच-पड़ताल करती है। यहां तक कि उनके चुनावों की वैधिकता की भी स्वयं जाचं करती है ।
तीसरा, प्रतिनिधि सभा के कुछ कार्यपालिका सम्बन्धी कर्त्तव्य भी हैं, लेकिन सिनेट की तुलना में वे नगण्य हैं तथा अप्रत्यक्ष रूप से व्यवहृत सिनेट की तरह प्रतिनिधि सभा में भी अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में विशेष रुचि नहीं रखती हैं । अपने संदेश में राष्ट्रपति अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं पर प्रकाश डालता है और कांग्रेस के दोनों सदन अन्तर्राष्ट्रीय दायित्व पर व्यय होने वाले धन की स्वीकृति प्रदान करते हैं । युद्ध की घोषणा भी कांग्रेस के दोनों सदनों का संयुक्त अधिकार है।
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