Modern Stage of History: इतिहास की आधुनिक अवस्था

इतिहास की आधुनिक अवस्था


इतिहास का जन्म तथा विकास यूनानी विद्वानों ने किया। वैसे वेदों में भी इतिहास के तत्त्व पाये जाते है। महाभारत तथा रामायण में भी इतिहास से सम्बन्धित घटनाओं में वर्णन है। ये सब प्रबोधक विचारधारा के उदाहरण है। जर्मन इतिहासविदों ने इसे वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान किया। इतिहास की आधुनिक विचारधारा का विकास किसी एक व्यक्ति या राष्ट्र ने नहीं किया, वरन् यह विकास अनेक विद्वानों के वैचारिक प्रयासों का फल है। 

19th शताब्दी के अन्तिम चरण तथा 20th शताब्दी के प्रारम्भिक चरण में इतिहास को एक सच्चे विज्ञान के रूप में स्वीकार किया जाने लगा। जब इतिहास सच्चे विज्ञान के रूप में आ गया तो कोई भी इतिहासवेत्ता आज इतिहास की घटनाओं को दैवीय या आलौकिक शक्तियों का परिणाम नहीं मानता है। आज का इतिहासवेत्ता सर्वप्रथम घटनाओं से सम्बन्धित तथ्यों का संग्रह करता है फिर उनका विश्लेषण कर सत्यापन करता है। 

यह सत्यापन (Verification) ही समस्या उत्पन्न करता है क्योंकि भूतकालीन घटनायें तथा अवशेष एक विकृत तथा परिवर्तित रूप में दोबारा घटित होती है। अतः उनका पुनः सत्यापन करना होता है, किन्तु आधुनिक वैज्ञानिक युग ने ऐसे अनेक वैज्ञानिक उपकरण तथा साधन उपलब्ध करा दिये है, जिनकी सहायता से विकृत तथा परिवर्तित अवशेषों में भी वास्तविकता की खोज सम्भव हो गये है। इनके आधार पर आज का इतिहासवेत्ता एक सामान्य सिद्धान्त निरुपति करने में सक्षम हो सका है। यही एक सच्चे विज्ञान की विशेषता है।

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