अनुभव शंकु क्या है?
बहुइन्द्रिय अनुदेशन के लिए एडगर डेल ने दृश्य-श्रव्य साधनों की सहायता से अनुभवों के आधार पर एक विशेष प्रकार का वर्गीकरण प्रस्तुत किया है जिसे उसने' अनुभव का कोन' की संज्ञा दी है जो एक प्रतिमान के रूप में है।
हम अनुभव से सीखते हैं। एक तरह से अनुभव का ही दूसरा नाम सीख या शिक्षा है। हमारे एक अनुभव प्रत्यक्ष तथा अनेक परोक्ष होते हैं, कुछ अनुभव ठोस एवं बहुत अमूर्त होते हैं।
हम सभी अनुभव अपनी पाँच संवेदनात्मक इन्द्रियों के प्रयोग से करते हैं। ये प्रयोग हैं- हाथ से स्पर्श करना, आँख से देखना, कान से सुनना, नाक से सूँघना एवं जीभ से स्वाद लेना। एडगर डेल ने इन समस्त अनुभवों का वर्गीकरण करने के लिए एक चित्र-व्यवस्था की रचना की है जिसे उसने 'अनुभव कोन' की संज्ञा दी है।